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निर्देशक का संदेश

Message From the Director

Dr.Pankaj chaturvediडॉ. पंकज चतुर्वेदी

इस प्रतिष्ठित संस्थान के निदेशक के रूप में, जब मैं हमारी अब तक की यात्रा पर दृष्टि डालता हूँ, तो गर्व और आत्म-संतोष से भर जाता हूँ। एक्ट्रेक, टाटा स्मारक केंद्र (टीएमसी) की उस प्रतिबद्धता का प्रमाण है जो मानवता के सबसे बड़े शत्रुओं में से एक ‘कैंसर’को पराजित करने के लिए समर्पित है। मैं इस अवसर पर आप सभी का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ, जो हमारी सफलता की प्रेरक शक्ति हैं। आइए, हम केवल नेतृत्व को बनाए रखने का ही नहीं, बल्कि उसे और ऊंचाइयों तक उठाने का प्रयास करें, कैंसर देखभाल, अनुसंधान, शिक्षा और जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करें।

संसदीय समितियों के अनुरोध के अनुसार, हमें केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर पूरे भारत में कैंसर देखभाल और नियंत्रण को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना होगा। हमें पंजाब, वाराणसी, मुजफ्फरपुर, गुवाहाटी, विशाखापट्टनम और भुवनेश्वर में अपने अस्पतालों के माध्यम से विकेंद्रीकृत कैंसर देखभाल के मिशन में टाटा स्मारक केंद्र का सहयोग देना होगा।

मेरा लक्ष्य एक्ट्रेक को एक ऐसा स्थान बनाना है जहाँ उपचार, अनुसंधान तथा नवरचना हो, और जो छात्रों को आकर्षित करे। हमारे मरीज़ हमारे द्वारा किए जाने वाले हर कार्य के केंद्र में हैं और हम हमेशा यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि उनका उपचार करुणा, गरिमा, सम्मान और सहानुभूति के साथ किया जाए।

हम नई उपचार पद्धतियों को अपनाने में अग्रणी हैं — जैसे रोबोटिक सर्जरी, प्रोटॉन थैरेपी, कोशिका चिकित्सा, इम्यूनोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और प्रिसिजन मेडिसिन। हम शिक्षा, अनुसंधान और जनजागरूकता के माध्यम से कैंसर की रोकथाम और प्रारंभिक पहचान पर अपना ध्यान और बढ़ाएँगे। हम अत्याधुनिक अनुसंधान और शिक्षा के माध्यम से नए क्षेत्र खोज रहे हैं एवं दुनिया भर के भागीदारों के साथ मिलकर ज्ञान और संसाधनों को साझा कर रहे हैं। हालाँकि, 'विश्व गुरु' बनने के लिए हमें अभी लंबा सफर तय करना है। मैं एक्ट्रेक चिकित्सकों और वैज्ञानिकों से अनुरोध करता हूँ कि वे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करें, अपने अनुभव और विचार साझा करें और गहन संवादों में भाग लें। नवाचार वहीं फलता-फूलता है जहाँ विभिन्न विचार मिलते हैं। अलगाव को तोड़ें, क्योंकि उत्तर अकेलेपन में नहीं, बल्कि विविध विचारों की समरसता में छिपा होता है।

युवा वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की शिक्षा और प्रशिक्षण में निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, फैलोशिप और परामर्श अवसरों के माध्यम से भविष्य के कैंसरविज्ञान लीडर्स को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं हमारे छात्रों से अनुरोध करता हूँ कि ऐसे मार्गदर्शक की तलाश करें जो आपके भीतर जुनून जगाएँ और आपके भविष्य को आकार दें। याद रखें कि आप भी एक दिन मार्गदर्शक बनेंगे और टीएमसी के पूर्व छात्रों के रूप में अगली पीढ़ी को मशाल सौंपेंगे।

मौलिक अनुसंधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है, हम कैंसर के रहस्यों को उजागर करने के लिए लगातार सीमाओं को बढ़ाते रहेंगे। हमारे वैज्ञानिक वे मशालवाहक हैं जो उस भविष्य की राह को रोशन कर रहे हैं जहाँ कैंसर पर विजय प्राप्त की जाती है, जीवन बचाए जाएँगे, और आशा जीवित रहेगी। प्रत्येक खोज, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, कैंसर देखभाल की दिशा बदलने वाली लहरें पैदा करती है। जब हम सूक्ष्मदर्शी में झाँकते हैं या आँकड़ों का विश्लेषण करते हैं, तो हमे कभी यह न भूलें कि हमारा अंतिम लक्ष्य क्या है: जीवन बचाना! हर कोशिका, हर प्रयोग, हर प्रकाशन, हर आँकड़े के पीछे एक मरीज होता है -एक ऐसा व्यक्ति जिसकी निराशा, आशा और सपने होते हैं। हमारी विज्ञान में करुणा का समावेश होना चाहिए।

मैं भविष्य की ओर आकांक्षा और आशावाद के साथ देखता हूँ। नई सीमाओं को छूना है, नई चुनौतियों को पार करना है, और नई ज़िंदगियों को बचाना है। आइए, हम इस साझा दृष्टिकोण के साथ भविष्य का स्वागत करें कि एक्ट्रेक को कैंसर देखभाल और नियंत्रण में एक वैश्विक नेता बनाना है।

अपार कृतज्ञता और आशा के साथ,

डॉ. पंकज चतुर्वेदी
प्रोफेसर, हेड नेक सर्जरी विभाग
निदेशक, कैंसर उपचार, अनुसंधान एवं शिक्षा का प्रगत केंद्र, टाटा स्मारक केंद्र

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